फर्जीवाड़ा- जीवाजी विश्वविद्यालय में प्राइवेट परीक्षा फाॅर्म के नामांकन में अनियमितता का मामला सामने आया
ग्वालियर- जीवाजी विश्वविद्यालय में प्राइवेट परीक्षा फार्म के नामांकन में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। 36 प्राइवेट कॉलेज में से सिर्फ एक कॉलेज की लिंक खोली गई है। कॉलेज के करीब 58 छात्रों के नामांकन भी हो गए हैं। जब मामला खुला तो अधिकारी हैरान हो गए। प्रारंभिक जांच की तो सामने आया कि जेयू के आईटी सेल प्रभारी ने इस गड़बड़ी को अंजाम दिया है। परीक्षा नियंत्रक ने कार्रवाई का प्रस्ताव कुलसचिव को भेज दिया है। जेयू ने असंस्थागत छात्रों के परीक्षा फार्म के लिए नामांकन की प्रक्रिया दिवाली से शुरू की थी। शासकीय कॉलेजों में नामांकन की लिंक खोल दी थी, लेकिन सरकार ने प्राइवेट कॉलेजों के माध्यम से भी फार्म भराने का आदेश दिया था। 7 नवंबर को जेयू ने 14 प्राइवेट कॉलेजों की सूची वेबसाइट पर अपलोड की थी। छात्र इन कॉलेजों के माध्यम से भी अपना नामांकन करा सकते हैं, लेकिन लिंक नहीं खोली थी।
इसके बाद अन्य कॉलेज भी शासन से प्राइवेट फार्म भराने की अनुमति लेकर आ गए, जिससे प्राइवेट कॉलेजों की सूची बढ़कर 36 हो गई। प्राइवेट कॉलेजों की सूची जारी होने के बाद फैसला लिया गया कि किसी भी प्राइवेट कॉलेज की नामांकन के लिए लिंक तब तक नहीं खोली जाएगी, जब तक कि सभी कॉलेजों के नाम फाइनल नहीं हो जाते हैं, लेकिन आईटी सेल ने दतिया के श्रीकृष्ण कॉलेज की नामांकन के लिए लिंक खोल दी।
लिंक खोलने के बाद छात्रों ने नामांकन भी करा लिए। करीब 58 नामांकन हो चुके थे। बुधवार को अन्य कॉलेज संचालकों ने एक कॉलेज की लिंक खोलने की शिकायत की तो परीक्षा नियंत्रक ने मामले की पड़ताल कराई। जिसके बाद पूरा फर्जीवाड़ा उजागर हो गया और आईटी सेल के प्रभारी का नाम सामने आया। उन्होंने एक कॉलेज को फायदा पहुंचाने के लिए लिंक खोली थी, जिससे उस कॉलेज में ज्यादा नामांकन हो सकें।
एक छात्र से पांच हजार तक का हो जाता है फायदा
असंस्थागत फार्म भरवाने पर निजी कॉलेज को 5 हजार रुपए तक का फायदा हो जाता है। इस वजह से कॉलेज में असंस्थागत फार्म भराने के लिए काफी प्रतिस्पर्धा भी रहती है। फार्म भरवाने के बदले में छात्र से कॉलेज संचालक 5 हजार रुपए तक लेते हैं।
- ज्यादा से ज्यादा फार्म भरवा सकें, उसको लेकर कॉलेज संचालकों में होड़ रहती है। प्राइवेट फार्म भरवाने की पात्रता उन्हीं कालेजों को होती है जिनके संचालक को दस साल हो चुके हैं या मंत्री की सिफारिश लेकर आते हैं।
- जब छात्र प्राइवेट कॉलेज से स्नातक करने के लिए कॉलेज सर्च कर रहे थे तो दतिया का एक ही कॉलेज दिख रहा था। इस कारण इस कॉलेज में छात्रों ने अपने नामांकन करा लिए। जांच में गड़बड़ी सामने आई है।
कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा
- आईटी सेल के प्रभारी की गड़बड़ी सामने आई है। कार्रवाई के लिए कुलसचिव को प्रस्ताव भेज दिया है। कॉलेज में जो 58 नामांकन हुए थे, उन्हें निरस्त कर दिया गया है। - आरकेएस सेंगर परीक्षा नियंत्रक
कुलपति को भेजा प्रस्ताव
- एक कॉलेज की लिंक खोलने की रिपोर्ट परीक्षा नियंत्रक से प्राप्त हुई थी। इस पूरे मामले में जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कुलपति को प्रस्ताव भेज दिया है। - राजीव मिश्रा, प्रभारी कुलसचिव जेयू
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